हरियाणा के छोरे ने कर दिया कमाल, 21 लाख लौटाकर दिया दहेज मुक्त समाज का संदेश
आज के दौर में जहां दहेज (Dowry) प्रथा कई परिवारों के लिए सिरदर्द बनी हुई है वहीं कुछ लोग बिना दहेज शादी करके समाज को नई राह दिखा रहे हैं। हरियाणा के भिवानी जिले के गांव जाटू लुहारी में रहने वाले मोहित ने दहेज लेने से साफ इनकार कर समाज में एक मिसाल कायम की।

आज के दौर में जहां दहेज (Dowry) प्रथा कई परिवारों के लिए सिरदर्द बनी हुई है वहीं कुछ लोग बिना दहेज शादी करके समाज को नई राह दिखा रहे हैं। हरियाणा के भिवानी जिले के गांव जाटू लुहारी में रहने वाले मोहित ने दहेज लेने से साफ इनकार कर समाज में एक मिसाल कायम की। मोहित ने राजस्थान के जिला सीकर के डाबला गांव में रहने वाली मीनू से शादी की लेकिन उन्होंने लड़की वालों द्वारा दिए जा रहे 21 लाख रुपये ठुकरा दिए और सिर्फ 1 नारियल और 1 रुपये में शादी रचा ली।
बेटी से बड़ा दहेज कुछ नहीं
मोहित के पापा कंवर पाल ने बताया कि उनके घर में शुरू से ही बिना दहेज के शादी करने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा बेटी देना ही सबसे बड़ा दहेज है इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सकता।
उनका कहना है कि अगर लड़की के मां-बाप उधार लेकर कर्जा लेकर दहेज देंगे तो शादी की शुरुआत ही टेंशन से होगी। इससे दुल्हन भी नाखुश रहेगी और आगे चलकर रिश्तों में दरार पड़ सकती है। हमने जो संस्कार अपने बेटे को दिए हैं उसी का नतीजा है कि उसने बिना दहेज शादी करने का फैसला लिया।
दहेज लेना मतलब रिस्पेक्ट खो देना
मोहित का कहना है कि उन्होंने पहले से ही सोच रखा था कि दहेज नहीं लेंगे। उनका मानना है कि दहेज लेने से दोनों परिवारों में एक बिजनेस डील (business deal) जैसा रिश्ता बन जाता है प्यार और सम्मान गायब हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा अगर कोई दहेज लेकर शादी करता है तो वो सिर्फ पैसे से रिश्ता जोड़ता है लेकिन मैंने बिना दहेज शादी करके अपने और अपनी वाइफ के रिश्ते को सम्मान दिया है!
दहेज से आती है घर में अनबन
मोहित ने अपने फैसले की वजह बताते हुए कहा कि दहेज की वजह से कई घर टूट जाते हैं। सास-बहू की नोंक-झोंक (nok-jhok) का सबसे बड़ा कारण भी दहेज ही होता है।
उन्होंने आगे कहा जब बिना दहेज की शादी होती है तो घर में सिर्फ प्यार और खुशी रहती है। लेकिन जहां दहेज लिया जाता है वहां अक्सर बहू को ताने मारे जाते हैं कि ‘तेरे मायके से कुछ नहीं आया’ और फिर घर का माहौल खराब हो जाता है।
गांव के बड़े-बुजुर्गों और पंचायत के लोगों ने मोहित के इस फैसले की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आजकल के लड़कों को मोहित से सीख लेनी चाहिए। दहेज मांगना लड़के की कीमत लगाने जैसा है क्या शादी मंडी है?
वहीं सोशल मीडिया पर भी मोहित के इस कदम की जमकर सराहना हो रही है। एक यूजर ने लिखा भाई सच्चा हरियाणवी (Haryanvi) निकला! एक और यूजर ने लिखा लड़के वाले अगर ऐसे होने लगे तो दुनिया बदल जाएगी!
दहेज प्रथा को जड़ से खत्म करना जरूरी
मोहित के पिता कंवर पाल ने बताया कि वह अपने दूसरे बेटे की शादी भी बिना दहेज के करेंगे। उनका कहना है कि समाज को मिलकर इस कुप्रथा को खत्म करना होगा।
उन्होंने कहा जब तक लोग खुद आगे आकर दहेज लेना बंद नहीं करेंगे तब तक यह कुप्रथा खत्म नहीं होगी। हम सबको मिलकर इस सिस्टम को बदलना होगा!
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